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अथ प्रथमोऽध्यायः- अर्जुनविषादयोग

( दोनों सेनाओं के प्रधान-प्रधान शूरवीरों की गणना और सामर्थ्य का कथन )

( दोनों सेनाओं की शंख-ध्वनि का कथन )

( अर्जुन द्वारा सेना-निरीक्षण का प्रसंग )

(मोह से व्याप्त हुए अर्जुन के कायरता, स्नेह और शोकयुक्त वचन )

 

ॐ तत्सदिति श्रीमद्भगवद्गीतासूपनिषत्सु ब्रह्मविद्यायां योगशास्त्रे श्रीकृष्णार्जुनसंवादेऽर्जुनविषादयोगो नाम प्रथमोऽध्यायः। ॥1॥